At Aryakul Group of College, we invite youth to our college who will happily co-operate in carrying on the rich traditions of college
Friday, 29 June 2018
बड़े मंगल पर हुआ भंडारे का भव्य आयोजन : आर्यकुल ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेज
बड़े मंगल पर हुआ भंडारे का भव्य आयोजन : आर्यकुल ग्रुप ऑफ़ कॉलेज
ज्येष्ठ मास के बड़ा मंगल की अपनी एक विशेष महत्ता है. मई में पड़ने वाले सभी मंगलवार को यहां ‘बड़े मंगल’ के तौर पर मनाया जाता है. प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी “अर्याकुल ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेज “ में बड़े मंगल पर भव्य भंडारा का आयोजन किया गया . जिसमे कॉलेज के *चेयर मैन “श्री के जी सिंह” व कॉलेज के *डायरेक्टर ”श्री सशक्त सिंह” ने अपनी आस्था दिखाई और कन्याओं को भोग लगाकर इस भंडारे का आरंभ किया.
इस भंडारे में कॉलेज का स्टाफ व बच्चों ने बढ़-चढ़ कर सहयोग किया हजारो की तादाद में आये भक्तों को प्रसाद वितरित किया यह आयोजन गौरी व बिजनौर रोड अर्याकुल मोड़, तिराहे पर हुआ
1 मई से शुरू होने वाले बड़ा मंगल पर्व इस बार इसलिए खास है, क्योंकि इस बार 9 बड़े मंगल पड़ रहे हैं जिसे अद्भुत संयोग माना जा रहा है
ज्योतिषियों के मुताबिक यह संयोग दो जेठ लेकर आया है और इससे हनुमान भक्तों पर विशेष कृपा होगी. इस पर्व को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है और बड़े मंगल का पर्व 26 जून तक जारी रहेगा. इस दौरान शहर से लेकर गांवों तक लोग स्टाल लगाकर जगह-जगह भंडारा करते हैं.
ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार का अलौकिक महत्व है. बड़ा मंगल को लोग ‘कामना पूरी’ के नाम से मानते हैं. बड़ा मंगल को बजरंग बली की सच्चे मन से पूजा करने वालों को बल, बुद्धि, विद्या एवं महालक्ष्मी की प्राप्ति होती है. साथ ही, श्रद्धा भाव से किए गए भक्तों की सेवाओं से भगवान राम व उनके अनन्य भक्त मारुति नंदन प्रसन्न होते हैं.
आखिर क्यों मनाया जाता है बड़ा मंगल ?
ज्योतिषियों के मुताबिक कि बड़ा मंगल के दिन गुड़, गेंहू, मीठे पूड़ी का प्रसाद चढ़ाना http://www.aryakul.org.in/चाहिए. हनुमान जी इस दिन दान का विशेष फल देते हैं. कहते है भगवान शंकर और श्रीराम ने हनुमान को वरदान दिया कि ज्येष्ठ माह के सभी मंगलवार को उनकी विशेष पूजा होगी. इस माह हनुमान का दर्जा राम से भी बड़ा होगा. इसी मान्यता के चलते ज्येष्ठ माह के सभी मंगलवार को बड़ा मंगल मानते हुए श्रद्धालु विशेष पूजा अर्चना करते हैं.
भंडारे का आयोजन सफलता पूर्वक रहा जिसके लिए अर्याकुल कॉलेज के डायरेक्टर बच्चों व स्टाफ को धन्यवाद दिया इस मौके पर बी. टी. सी. व पत्रकारिता विभाग के बच्चों ने अपनी अहम भूमिका निभाई और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण कराया. इस मौके पर अर्याकुल के रजिस्ट्रार, एच. आर. ऑफ़ कॉलेज , एच. ओ. डी. ऑफ ऑल डिपार्टमेंट , फैकल्टी मेम्बेर्स व स्टाफ एवं समस्त विद्यार्थी सम्मिलित रहे .
स्वस्थ्य रहने के लिए योगाभ्यास जरूरीः सशक्त सिंह
आर्यकुल कालेज में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया
लखनऊ।अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन आर्यकुल ग्रुप आॅफ कालेज में बच्चों और शिक्षकों ने योगाभ्यास किया। इस अवसर पर प्राणायाम, आसन, मेडिटेशन, रिलेक्सेशन आदि का अभ्यास कराया गया। प्रशिक्षित योगा मास्टर सौरभ उपाध्याय व बीटीसी के प्राचार्य सुभाष तिवारी द्वारा सूक्ष्म प्राणायाम ,ग्रीवा संचालन, सूर्य नमस्कार, मत्स्य आसन, नौकासन आदि प्रकार के आसानों का अभ्यास कराया गया। योगाभ्यास समाप्त होने के बात कालेज के प्रबंध निदेशक सशक्त सिंह ने कहा कि आज अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरे विश्व में मनाया जा रहा है हमें इसको अपने जीवन में अपनी कार्यशैली में प्रतिदिन लाना चाहिए जिससे कि हम बिना दवाइयों के स्वस्थ्य जीवन जी सके। आज के दिन हमें सब को संकल्प लेना चाहिए कि हम प्रतिदिन सुबह उठ कर योगाभ्यास जरूर करेंगे जो कि हमें स्वास्थ्य लाभ देगा। पुराने समय में जब अस्पताल और डाक्टरों की कमी थी जब योगा के द्वारा ही लोग ठीक किये जाते थे योगा हमारी संस्कृति की पहचान हैं। हमें इसको अपने जीवन में निरन्तर करना चाहिए। योगा के आधुनिक पिता कहे जाने वाले महिर्षि पतांजलि भी कहते थे कि योग मन को स्थिर करने की प्रक्रिया है। जब मन स्थिर हो जाता है, हम अपनी आवश्यक प्रकृति में स्थापित हो जाते हैं, जो कि असीम चेतना है। इसके साथ ही भगवत गीता में भी कहा गया है कि योग स्वयं की स्वयं के जरिए से स्वयं के मिलन की यात्रा है। इस तरह हम सभी को योग के महत्व को समझना चाहिए क्योंकि ये आदि काल से हमारे जीवन में समाया हुआ है। योग एक बहुत ही उपयोगी अभ्यास है जिसे करना बहुत आसान है और यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, जो आज के जीवन शैली में सामान्य हैं, से भी छुटकारा पाने में मदद करता है। इसके साथ ही कालेज के रजिस्ट्रार सुदेश तिवारी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि योगा तनाव कम करने में मदद करता है। तनाव का होना इन दिनों एक आम बात है जिससे शरीर और मन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। तनाव के कारण लोगों को सोते समय दर्द, गर्दन का दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द, तेजी से दिल का धड़कना, हथेलियों में पसीने आना, असंतोष, क्रोध, अनिद्रा और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता जैसी गंभीर समस्याएं पैदा होती हैं। योगा के नियमित अभ्यास मानसिक स्पष्टता और शांति बनाता है जिससे मन को आराम मिलता है। योगाभ्यास में बीटीसी,बीजेएमसी, बीफार्मा,एमफमार्मा, आदि के साथ समस्त शिक्षकों व स्टाफ ने हिस्सा लिया।http://www.aryakul.org.in/
वेब मीडिया और पत्रकारिता का नया दौर
वेब मीडिया और पत्रकारिता का नया दौर
पत्रकारिता पहले जहां अखबारों, पुस्तकों में हुआ करती थी, वहीं इंटरनेट के बढ़ते प्रचलन के बीच वेब पत्रकारिता का जन्म हुआ। इंटरनेट एवं बढ़ते समाचार पोर्टलों से वेब पत्रकारिता के लिए योग्य पत्रकारों की मांग बनी रहती है।
4 साप्ताह से चल रही ‘वेब पत्रकरिता एवं समाचार लेखन’ की वर्कशॉप का समापन करते हुए आर्यकुल कॉलेज ऑफ एजुकेशन के डायरेक्टर श्री सशक्त सिंह ने कहा की “वेब पत्रकारिता में बहुत अधिक संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए खबरों को समझकर उन्हें प्रस्तुत करने की कला, तकनीकी ज्ञान, भाषा पर अच्छी पकड़ होना आवश्यक है।”
इन्ही तत्वों को महत्वता देते हुए आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने वेब पत्रकरिता एवं समाचारइस अवसर आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के रजिस्टार श्री सुदेश तिवारी, शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्षा सुश्री अंकिता अग्रवाल, पत्रकारिता विभाग के प्रमुख डॉ. अजय शुक्ला, एच.आर प्रमुख सुश्री नेहा वर्मा, कक्षाध्यापक श्री सिद्धार्थ राजेंद्र के साथ कंप्यूटर तकनीकी विभाग के रोबिन सिंह उपस्थित रहे।
लेखन जैसे विषय पर 4 सप्ताह की वर्कशॉप का आयोजन किया।
इस वर्कशॉप का प्रारंभ 29 मई से किया गया था वर्कशॉप में बच्चों ने पत्रकारिता लेखन के साथ-साथ बदलती पत्रकारिता के स्वरुप और भविष्य में इसमें बढ़ते करियर के बारे में भी जानकारी हासिल की।
इसके साथ ही टेक्निकल लेखन, फोटो एवं विडियो एडिटिंग, सोशल मीडिया न्यूज़ शेयरिंग, डिजिटल मीडिया एथिक्स का भी ज्ञान प्राप्त किया जिससे ऐसे भ्रामक समाचार से लोगो को गुमराह होने से बचाया जा सके जो वास्तविक नही होते है।
वेब पत्रकारिता एक ऐसा माध्यम है जो अपने अंदर प्रिंट, टीवी और रेडियो को समेटे है। मीडिया का लोकतंत्रीकरण करने में वेब पत्रकारिता बड़ी भूमिका निभा रहा है। संचार माध्यम के रूप में इस प्लेटफार्म ने हर आदमी की आवाज बुलंद कर हजारों-करोड़ो लोगो तक पहुंचाया है।
वर्कशॉप प्रोग्राम के कोऑर्डिनेटर श्री रंजीत कुमार ने कहा कि “इंटरनेट का पाठक अधिकतर जल्दी में होता है और उसे बांधे रखने के लिए आपकी सामग्री पठनीय, रूचिकर व आकर्षक हो यह बहुत आवश्यक है। यदि हम ऑनलाइन समाचार-पत्र की बात करें तो भाषा सरल, छोटे वाक्य व पैराग्राफ भी अधिक लंबे नहीं होने चाहिएं।”
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